प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana), भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जो कारीगरों और पारंपरिक शिल्पकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना उन्हें उनके व्यवसाय को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सुविधाएं प्रदान करती है। इस लेख में हम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 के उद्देश्य, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य देश के कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना उन पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देती है, जो भारत की संस्कृति और अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- कारीगरों को सशक्त बनाना: पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना।
- आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता: उन्नत उपकरणों और तकनीकों के माध्यम से उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना।
- आर्थिक सहायता: स्वरोजगार के लिए ऋण और अनुदान प्रदान करना।
- स्वदेशी उद्योगों का विकास: आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करना।
योजना के मुख्य बिंदु
विशेषता | विवरण |
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 |
उद्देश्य | पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना |
लाभार्थी | भारत के पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
ऋण सहायता | प्रथम चरण में ₹1 लाख, द्वितीय चरण में ₹2 लाख |
ब्याज दर | रियायती दर (5% तक सब्सिडी) |
प्रशिक्षण | आधुनिक उपकरणों और तकनीकों पर प्रशिक्षण |
आधिकारिक वेबसाइट | www.pmviswakarma.gov.in |
योजना के अंतर्गत आने वाले व्यवसाय
व्यवसाय | पेशे का नाम |
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बढ़ई | सुथार/बढ़ई |
नाव निर्माता | नाव बनाने वाले कारीगर |
हथियार निर्माता | हथियारों का निर्माण करने वाले |
लोहार | औजार और हथौड़े बनाने वाले |
लॉकस्मिथ | ताले बनाने वाले कारीगर |
सुनार | सोने-चांदी के आभूषण बनाने वाले |
कुम्हार | मिट्टी के बर्तन और शिल्प बनाने वाले |
मूर्तिकार | पत्थर पर नक्काशी और मूर्तियां बनाने वाले |
पत्थर तोड़ने वाले | पत्थर काटने और तोड़ने वाले |
मोची | जूते और चप्पल बनाने वाले |
राजमिस्त्री | भवन निर्माण और मरम्मत कार्य में संलग्न कारीगर |
बांस/चटाई/झाड़ू निर्माता | बांस, कोयर से बनी वस्तुएं बनाने वाले |
गुड़िया और खिलौने निर्माता | पारंपरिक खिलौने और गुड़िया बनाने वाले |
नाई | बाल कटाई और सेवाएं प्रदान करने वाले |
माला निर्माता | फूलों की माला बनाने वाले |
धोबी | कपड़े धोने का काम करने वाले |
दर्जी | कपड़ों की सिलाई का काम करने वाले |
मछली पकड़ने के जाल निर्माता | मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने वाले |
योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को मिलने वाले लाभ
लाभ | विवरण |
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पहचान | कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा। |
कौशल विकास प्रशिक्षण | 5-7 दिनों का बेसिक प्रशिक्षण और 15 दिनों या अधिक का एडवांस प्रशिक्षण, ₹500 प्रतिदिन की स्टाइपेंड। |
उपकरण प्रोत्साहन | बेसिक कौशल प्रशिक्षण के आरंभ में ई-वाउचर के माध्यम से ₹15,000 तक की टूलकिट। |
क्रेडिट सहायता | 5% की रियायती ब्याज दर पर ₹3 लाख तक का ऋण (₹1 लाख और ₹2 लाख के दो चरणों में)। |
डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन | हर डिजिटल लेन-देन पर ₹1 का प्रोत्साहन, अधिकतम 100 लेन-देन प्रतिमाह। |
विपणन सहायता | उत्पाद की गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर ऑनबोर्डिंग, प्रचार और विपणन। |
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ
लाभ | विवरण |
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आर्थिक सहायता | रियायती दर पर ₹1 लाख से ₹2 लाख तक का ऋण |
आधुनिक प्रशिक्षण | कारीगरों को नई तकनीक और डिजिटलीकरण पर प्रशिक्षित करना |
उपकरण सहायता | कार्य को सरल बनाने के लिए आधुनिक उपकरण प्रदान करना |
बाजार से जुड़ाव | अंतरराष्ट्रीय और डिजिटल बाजार में उत्पादों को प्रमोट करना |
महिला सशक्तिकरण | महिला कारीगरों के लिए विशेष योजनाएं और समर्थन |
पात्रता
- योजना के लिए आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- पारंपरिक व्यवसाय या शिल्पकला में संलग्न होना चाहिए।
- छोटे व्यवसाय या स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले कारीगर।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए आप नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं:
- ऑनलाइन आवेदन: आधिकारिक पोर्टल www.pmviswakarma.gov.in पर पंजीकरण करें।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, व्यवसाय प्रमाणपत्र, बैंक खाता विवरण।
- कस्टमर केयर सहायता: किसी भी समस्या के लिए योजना की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
किन व्यवसायों को मिलेगा लाभ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित पारंपरिक व्यवसायों को प्रोत्साहित करती है:
- बढ़ईगीरी
- लोहारगीरी
- कुम्हारगीरी
- दर्जी का काम
- मोची का काम
- जुलाहे का व्यवसाय
- हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग
2025 में योजना के लिए नई पहल
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 में कुछ नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं:
- डिजिटल उपकरणों की सुविधा: कारीगरों को डिजिटली सशक्त करने के लिए मुफ्त उपकरण।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ाव: उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की पहल।
- महिला कारीगरों का सशक्तिकरण: महिला कारीगरों के लिए विशेष ऋण और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का प्रभाव
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से न केवल कारीगरों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूत करेगी। यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी कारीगरों को एक नई पहचान देगी।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक, तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने की एक सरकारी योजना है।
भारत के सभी पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार, जैसे बढ़ई, लोहार, दर्जी, मोची, आदि आवेदन कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य कारीगरों को सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर बनाना और भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देना है।
हां, महिला कारीगरों के लिए विशेष प्रशिक्षण और ऋण सहायता का प्रावधान है।
कारीगरों को पहले चरण में ₹1 लाख और दूसरे चरण में ₹2 लाख तक का ऋण मिलता है।
आवेदन के बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर ऋण और अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे।
नहीं, इस योजना के लिए आवेदन निशुल्क है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025, पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह योजना न केवल उनके व्यवसाय को मजबूत बना रही है, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी सुधार रही है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आज ही आवेदन करें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।
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